1 आंखों पर पट्टी बांधकर स्पर्श का खेल
एक गोल मंडल की रचना कर ले।
दो स्वयंसेवक मंडल के भीतर रहेंगे।
एक स्वयंसेवक के आंख पर पट्टी बांध दिया जाए और एक स्वयंसेवक बिना पट्टी के होंगे।
पट्टी बांधी स्वयंसेवक आवाज लगाएंगे ” राम ” जवाब में दूसरा स्वयंसेवक ” श्याम “ का उच्चारण करेगा।
इस ध्वनि के माध्यम से श्याम का उच्चारण करने वाले स्वयंसेवक को पकड़ेंगे।
मंडल की रचना करने वाले स्वयंसेवक यह ध्यान देंगे और बताएंगे कि वह मंडल से बाहर जा रहे हैं
खेल के लाभ –
इस खेल से यह लाभ होगा कि आप में एकाग्रता की वृद्धि होगी। जिस प्रकार राजा दशरथ शब्दभेदी बाण चलाना जानते थे , केवल आवाज सुनकर ही उस लक्ष्य को भेद देते थे ठीक उसी प्रकार पृथ्वी राज चौहान ने मोहम्मद गोरी को उसके हंसी की आवाज सुनकर ही उसको वाण से मार गिराया था।
2 आँखों पर पट्टी बांधकर स्पर्श का खेल –
एक स्वयंसेवक के आंखों पर पट्टी बांध दिया जाए।
बाकी स्वयंसेवक पट्टी बंधी स्वयंसेवक के पीठ पर स्पर्श करेंगे।
पट्टी बंधी स्वयंसेवक सभी को हाथों से पकड़ने की कोशिश करेंगे।
पकड़े गए स्वयंसेवक के आंखों पर पट्टी बांधकर यह प्रक्रिया पुनः दोहराई जाएगी।
अर्थात पट्टी बंधा स्वयंसेवक अब बाकी स्वयंसेवकों को पकड़ेगा।
इस खेल के लाभ –
इस खेल से स्वयंसेवक में एकाग्रता की वृद्धि होती है
वह नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है।
भाईचारे की वृद्धि होती है।