माँ भारती की स्वर्णिम माटी हमें है चंदन।
माटी हमारी पूजा माटी हमारा वंदन॥
वे धन्य हैं जो जन्मे इस पावनी धरा पर
सुखदायिनी धरा पर वरदायिनी धरा पर
कभी राम इसमें खेले कभी खेले नन्दनन्दन॥ माटी हमारी..
मेरे अवध की सरयू श्रीराम को बुलाती
मथुरा में मातु यमुना कान्हा के गीत गाती
रुद्राभिषेक करती काशी में गंगा पावन ॥ माटी हमारी...
संकट में भारती माँ गो रुप धारती है
गोपाल की शरण में जाकर पुकारती है
गोवंश हित करेगा गोभक्त हर समर्पण॥माटी हमारी...
माँ भारती के सुत हैं सारे समाज बंधु
सब वर्ग बिन्दु बिन्दु हिन्दु समाज सिन्धु
एकात्मता के बल पर समरस यहाँ है जीवन॥ माटी हमारी...